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Friday, 3 May 2013

सरबजीत के शरीर पर बर्बरता के कई निशानः डॉक्टर


नई दिल्ली/अमृतसर।। लाहौर की जेल में कैदियों के हमले से मारे गए सरबजीत सिंह का भारत में दोबारा पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों को उनके शरीर पर दिल दहला देने वाली बर्बरता के निशान मिले हैं। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों में से एक डॉक्टर गुरजीत सिंह मान ने बताया कि सरबजीत का पूरा शरीर जख्मों से भरा हुआ था। उधर, पाकिस्तान के जिन्ना अस्पताल के प्रिसिंपल का कहना है कि सरबजीत का पोस्टमॉर्टम उनके डॉक्टरों ने नहीं किया है। पोस्टमॉर्टम करने के लिए बाहर से डॉक्टरों की टीम आई थी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सरबजीत का पोस्टमॉर्टम इस 'स्पेशल टीम' से क्यों कराया गया।

सरबजीत के सिर पर गहरी चोट के निशान थे। सिर की हड्डियां कई जगह से टूटी हुई थीं। उनकी पीठ पर भी चोट के निशान थे। उन्होंने बताया कि सरबजीत के कुछ जख्म खुले हुए थे, जबकि कुछ को टांके लगाकर सिला गया था। सरबजीत के शरीर में पेट, गॉल ब्लैडर, दिल और किडनी नहीं थे। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में उनके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की डीटेल मेल नहीं खाती हैं। सरबजीत के सभी अंगों से विसरा लेने की पूरी कोशिश की गई है।

डॉक्टरों का कहना है कि सामान्य तौर पर पोस्टमॉर्टम के वक्त किडनी और दिल निकाल लिए जाते हैं, इसलिए हो सकता है कि पाकिस्तान में पोस्टमॉर्टम करते वक्त ये अंग निकाल लिए गए हों।

लाहौर से सरबजीत का शव लाए जाने के बाद गुरुवार रात पट्टी के सिविल अस्पताल में पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने उनका दोबारा पोस्टमॉर्टम किया। पोस्टमॉर्टम से पहले जब सरबजीत का शव ताबूत से निकाला गया तो उनके मुंह से खून बहने के निशान थे। पोस्टमॉर्टम के दौरान सरबजीत के सिर के छह एक्सरे लिए गए, जिनमें सिर की हड्डियां कई जगहों पर टूटी मिलीं। दिमाग में जमे खून के थक्के भी साफ दिखे।

पोस्टमॉर्टम करने वाले बोर्ड में शामिल फॉरेंसिक विभाग के सहायक प्रफेसर डॉक्टर गुरमनजीत राय के मुताबिक सिर और शरीर के कई हिस्सों पर चोट के निशान हैं। बोर्ड में शामिल डॉक्टरों की राय है कि सरबजीत का वजन 90 किलो के करीब रहा होगा और सेहत तंदरुस्त थी। जांच में यह सामने आया है कि जान से मारने की नीयत से उनके सिर पर इतने वार किए गए कि उनका चेहरा बदल गया।

इससे पहले, चमेल सिंह की मौत के बाद भी भारत में पोस्टमॉर्टम करने के दौरान डॉक्टरों ने पाया था कि उनके शव में दिल, किडनी, लिवर जैसे कई अहम अंग नहीं थे। ऐसी स्थिति में मौत के कारणों के बारे में पता लगाना संभव नहीं था।

सरबजीत सिंह का अंतिम संस्कार शुक्रवार दोपहर दो बजे उनके पैतृक गांव तरनतारन के भिखीविंड में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस मौके पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री परनीत कौर समेत कई बड़े नेता मौजूद थे। (पढ़ें खबरः बहन दलबीर कौर ने दी सरबजीत को मुखाग्नि) सरबजीत सिंह को शहीद का दर्जा दिए जाने के साथ ही उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।

Source: Navabharat Times

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