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Friday, 25 April 2014

पूरी दुनिया में जगमगा रहा है पाकिस्तान की सरहद से लगा यह गुजराती गांव

divyabhaskar network | Apr 18, 2014, 17:27PM IST

पूरी दुनिया में जगमगा रहा है पाकिस्तान की सरहद से लगा यह गुजराती गांव

पाटण (गुजरात)। उत्तर गुजरात के चार में से एक महत्वपूर्ण और पिछड़े जिलों में आने वाला पाटण जिला आज दुनिया के नक्शे पर सूर्य की तरह चमचमा रहा है। गुजरात का यह वह इलाका है, जहां हमेशा कुदरत का कोप बरसता रहता है। बरसात तो यहां बिल्कुल न के बराबर ही होती है। बरसात की अनिश्चितता और पानी की कमी के कारण गर्मी में तो यहां पशु-पक्षी सहित संपूर्ण मानव जाति त्राहि-त्राहि कर उठती है। इस पर भी आज यह जिला गुजरात ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के पटल पर जगमगा रहा है। पहले यह जिला सूर्य को कोप के लिए जाना जाता है और अब भी यह इसी कारण से पहचाना जा रहा है। बस फर्क यह है कि अब इस इलाके को दुनिया सम्मान की दृष्टि से देख रही है। इसका कारण है यहां स्थापित एशिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क।
 
पाटण जिले के सांतलपुर तालुका के सीमावर्ती इलाके और कच्छ के सफेद रण से लगा हुआ चारणका गांव सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए मिसाल बन गया है। गुजरात पॉवर कॉपरेरेशन लिमिटेड द्वारा लगभग 1287 करोड़ रुपए का सोलर पार्क का प्रोजेक्ट चारणका गांव में ही स्थित है। रेगिस्तानी इलाके चारणका में 3000 एकड़ बंजर भूमि पर स्थापित गुजरात सोलर पार्क पूरे एशिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क है। इसका शिलान्यास दिसंबर-2010 में और उद्घाटन 19 अप्रैल 2012 में किया गया था। यह सोलर पार्क विंड और सोलर एनर्जी का हाईब्रिड पावर प्रोजेक्ट है।

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पार्क को विकसित करने के लिए देश-विदेश की 21 अंतरराष्ट्रीय सोलर पावर कंपनियां गुजरात सरकार की सहभागी बनी थीं। महज एक वर्ष के रिकार्ड समय में ही सौर ऊर्जा के जरिए 600 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने वाला यह पार्क क्रियान्वित हुआ है।
 
पाकिस्तान की सरहद से लगा हुआ यह क्षेत्र सूर्य ऊर्जा के जरिए हिन्दुस्तान के विकास की शक्ति के रूप में ऊर्जा क्षेत्र में अग्रसर बना है। केवल दस वर्ष में ही गुजरात ने 4000 मेगावाट विद्युत उत्पादन से छलांग लगाते हुए 18,000 मेगावाट के स्वप्न को साकार किया है।

पूरी दुनिया में जगमगा रहा है पाकिस्तान की सरहद से लगा यह गुजराती गांव
महत्वपूर्ण तथ्य :
 
19 अप्रैल, 2012 के दिन एक ओर जहां वैज्ञानिकों ने अग्नि-5 मिसाइल का सफल प्रक्षेपण कर देश को गौरवांवित किया, वहीं दूसरी ओर इसी दिन गुजरात ने 600 मेगावाट की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता राष्ट्र को अर्पित कर पुन:प्राप्य ऊर्जा के क्षेत्र में एक नये अध्याय की शुरूआत की।
 
वर्ष 2009 में एक साहसिक कदम उठाते हुए गुजरात ने अपनी सौर ऊर्जा नीति की घोषणा की। 500 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाली इस सौर ऊर्जा नीति के लिए करीब 85 डेवलपरों के साथ 968.5 मेगावाट की खरीद व्यवस्था पर हस्ताक्षर किये गए।

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5,000 एकड़ क्षेत्र में फैला यह सोलर पार्क एशिया का सबसे विशाल सोलर पार्क तो है ही साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय स्तर की अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाओं से लैस भी है। उच्च सोलर रेडियेशन वाली इस जगह में बंजर भूमि का इस्तेमाल भी समझदारी के साथ किया गया है। 2011 की मुसलाधार बारिश भी सरकार और डेवलपरों के उत्साह को ठंडा न कर सकी।

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गुजरात ने देश में सर्वप्रथम सोलर एनर्जी पॉलिसी पेश 2009 में क्रियान्वित की, जबकि भारत सरकार इस संबंध में प्राथमिक विचार ही कर रही थी। प्रारंभ में इस पर प्रति यूनिट 15 रुपए का खर्च आता था, जो अब घटकर 8.50 रुपये हो गया है। जैसे-जैसे सूर्य ऊर्जा से बिजली उत्पादन बढ़ता जाएगा इसकी कीमत प्रति यूनिट 4 रुपए तक पहुंच जाएगी।

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Source: http://www.bhaskar.com/article/GUJ-SUR-channaka-village-of-gujarat-near-pakistan-border-4584571-PHO.html?seq=1

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