अरब देशों में लाखों भारतीय बरसों से काम करते चले आए हैं. इनमें क्लिक करें
सऊदी अरब में काम कर रहे भारतीयों की संख्या लगभग पच्चीस लाख है.
राष्ट्रीयता के हिसाब से भारतीय सऊदी अरब में
प्रवासियों का सबसे बड़ा समूह है. भारतीयों की इतनी बड़ी संख्या शायद ही
किसी अन्य देश में हो.विदेशों से आने वाली ये अच्छी ख़ासी नक़द रक़म बरसों से भारत की तरक़्क़ी में बहुत अहम भूमिका निभा रही है. आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों की अर्थव्यवस्था में नक़द राशि हासिल करने का ये एक बड़ा स्रोत है.
बदले हालात
अब सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ रहा है. स्थानीय लोग भी लिख पढ़ रहे हैं और काम करना चाहते हैं. स्थानीय अरब लोगों में बेरोज़गारी बढ़ रही है.वहां ग़रीबी और बेरोज़गारी के कारण आत्महत्याएं बढ़ रही हैं. इसीलिए सऊदी सरकार अपने यहां काम करने वाले विदेशी कामगारों की संख्या घटाना चाहती है.
सऊदी अरब में बेरोजगारी बढ़ रही है
सऊदी सरकार एक नया क़ानून लागू करने जा रही है जिसके तहत सऊदी कंपनियों को विदेशी कर्मचारी भर्ती करने से पहले 10 प्रतिशत स्थानीय कर्मचारियों को नौकरी पर रखना होगा.
सऊदी सरकार एक नया क़ानून लागू करने जा रही है जिसके तहत सऊदी कंपनियों को विदेशी कर्मचारी भर्ती करने से पहले 10 प्रतिशत स्थानीय कर्मचारियों को नौकरी पर रखना होगा.
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सऊदी अरब में लाखों प्रवासी कामगार परमिट की अवधि ख़त्म होने के बाद भी कम पैसों पर काम कर रहे हैं. नया क़ानून लागू होने के बाद ऐसे लोगों को सऊदी अरब छोडऩा होगा.
आम माफ़ी स्कीम के लिए इन लोगों को आवेदन करना होगा. बड़ी संख्या में भारतीयों ने वापसी का आवेदन किया है लेकिन सऊदी अरब की सरकार अज्ञात कारणों से एक दिन में सिर्फ़ पांच सौ आवेदनों पर ही विचार कर रही है. ऐसे में बहुत सारे लोगों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
सरकार की ‘बेरुख़ी’
एक अनुमान के मुताबिक़ सऊदी अरब में मौजूद लगभग एक लाख भारतीय कामगारों को तीन जुलाई के बाद गिरफ़्तारी और भारी जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है.विश्लेषक सरकार को ख़बरदार करते रहे हैं कि वो वापस आने वाले कामगारों के पुर्नवास के लिए कोई योजना बनाए. लेकिन सरकार ख़ामोश बैठकर तमाशा देखती रही.
सरकार ने अपने कुछ मंत्रियों के सऊदी अरब भेजा था , लेकिन वो किस लिए गए थे और वहां से क्या हासिल करके आए हैं, वो सिर्फ़ वही जानते हैं.
सऊदी अरब में काम करने वाले भारतीय नागरिकों में इस वक़्त अफ़रातफ़री मची हुई है और भारतीय दूतावास मुश्किल में फंसे हुए अपने नागरिकों के साथ साम्राजी दौर के शासकों की तरह पेश आ रहा है.
सरकार की तरफ़ से बस इस तरह के बयान आ रहे हैं कि वो सऊदी अरब की सरकार के संपर्क में हैं.
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Source: http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2013/06/130528_saudi_indian_workers_aa.shtml?ocid=socialflow_twitter_hindi
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