कांग्रेस
पार्टी का यह कैसा आपदा प्रबंधन है?
एक तरफ सोनिया गांधी उत्तराखंड का
हवाई दौरा करती है. कांग्रेस के नेता प्रेस में बड़ी शान से यह बताते हैं
कि उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन मैडम सोनिया गांधी की देखरेख में चल रहा है.
लेकिन एक शर्मनाक खुलासा है कि सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाडरा की
कंपनी जिंदा लोगों को बचाने के लिए दो लाख और लाशों को ले जाने के लिए एक
एक लाख रुपये वसूल कर रही है.
दरअसल, राबर्ड वाडरा की एक कंपनी है. इसका
नाम है ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड. यह कंपनी बद्रीनाथ-केदारनाथ
में हवाई सेवाएं देता है. इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन नंबर
U52100DL2007PTC170055 है. इस कंपनी के दो डायरेक्टर्स हैं, एक तो राबर्ड
वाडरा है और दूसरी इनकी मां मौरीन वाडरा है. 1 नंवबर 2007 से लेकर 4 जनवरी
2015 तक राबर्ड वाड्रा इस कंपनी के डायरेक्टर बने रहेंगे. इस कंपनी का नाम
पहली तब उजागर हुआ था जब राबर्ड वाड्रा के लैंड डील के बारे में डीएनए
अखबार ने सनसनीखेज खुलासा किया था.
राहुल नाम के एक पत्रकार ने यह खुलासा
किया है कि सोनिया गांधी के दामाद की यह कंपनी उत्तलराखंड
में जिंदा लोगों को निकालने के लिए दो लाख रुपये और लाशों को निकालने
के लिए एक लाख रुपये का चार्ज वहां फंसे लोगों से वसूल रही है. कई बेवसाइट
पर ये खबर आ चुकी है लेकिन इस खबरों का कांग्रेस पार्टी ने न तो कोई खंडन
किया है और न ही अब तक कोई प्रतिक्रिया आई है.
क्या राबर्ट वाड्रा
आपदा प्रबंधन के नाम पर व्यवसाय कर रहा है? क्या यह कंपनी उसकी नहीं है?
क्या इस तरह के अमानवीय कंपनियों को भारत में आपरेट करने की अनुमति दी जा
सकती है? देश के बड़े बड़े चैनलों के बड़े बड़े रिपोर्टर हवाई सफर कर इस
आपदा को कवर कर रहे हैं क्या उनकी आंखों पर पट्टी बंधी है या फिर नाम गांधी
या वाड्रा का नाम सुनकर ही इनके हाथ पांव ठंडे पड़ जाते हैं? मीडिया ने अब
तक इस पर कोई तहकीकात क्यों नहीं की? सच क्यों नहीं बताया? या फिर यह मान
लिया जाए कि देश के राजनीतिक परिवारों को देशवासियों की लाशों पर पैसे
कमाने की आजादी है?
- Manish Kumar
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