एनआईए इस दावे की पड़ताल कर रही है। हमले के पीछे राजनीतिक साजिश की बात शुरू से आ रही है। नक्सलियों के काम करने के तरीके पर सालों से नजर रखने वाले विशेषज्ञों और खुफिया एजेंसियों को भी इस हमले के पीछे नक्सलियों की मंशा को लेकर शक था। दीपक ने दैनिक भास्कर को बताया कि पिता की मौत के बाद घर में हजारों शोक संदेश आए थे। इसी में एक पत्र के टुकड़े मिले। इन्हें जोड़कर देखा गया।
इसमें लिखा है कि नक्सलियों ने पैसे लेकर काफिले पर हमला किया। जो नेता निशाने पर थे, उनके नामों की लिस्ट उन्हें दी गई थी। वे लिस्ट देखकर उन्हें खोज रहे थे। मेरे पिता के साथ-साथ लिस्ट में मेरा भी नाम था। इसलिए वे मेरा भी नाम पुकारकर मुझे खोज रहे थे।
दीपक ने दावा किया कि यह चिट्ठी नक्सलियों की ही है, क्योंकि वे इसी तरह की भाषा में लिखते हैं। हालांकि इसमें पत्र लिखने वाले का नाम नहीं है। अंत में लाल सलाम लिखा हुआ है। दीपक ने बताया कि उन्होंने चिट्ठी एनआईए के अधिकारियों को सौंपी है। वे इसकी जांच कर रहे हैं।
आंध्र-ओडिशा के थे नक्सली
चिट्ठी के मुताबिक कांग्रेसी काफिले पर हमला करने वाले सभी नक्सली बाहर के थे। उन्हें इस काम के लिए पैसे देकर यहां लाया गया था। एनआईए की जांच में भी यह बात आई थी कि हमले में शामिल नक्सली ओड़िशा और आंध्रप्रदेश के थे। हमले में शामिल दो छोटे स्तर के नक्सलियों को ओडिशा में गिरफ्तार भी किया गया है।
मुझे अंदेशा था..
दीपक ने बताया कि चिट्ठी में बिलकुल वही बात लिखी है जिसका मुझे अंदेशा था। मेरे पिता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की हत्या एक साजिश ही थी। वही बात इससे स्पष्ट हो रही है। पहले भी दीपक ने यह बयान दिया था कि उनके पिता की हत्या एक साजिश थी।
उन्होंने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि एनआईए ही जांच के बाद खुलासा करेगी।
कांग्रेस-भाजपा जिम्मेदार
पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने शनिवार को यहां कहा कि नक्सलवाद को बढ़ाने में कांग्रेस-भाजपा दोनों का हाथ है। नक्सलियों की बात नहीं सुनी। नक्सलवाद को बढ़ने से रोकने के लिए ठोस कदम भी नहीं उठाए।
आज कांग्रेस नेता मारे गए हैं, तो कल भाजपा के भी मारे जा सकते हैं। इस समस्या को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हल करना चाहिए।
शंकराचार्य समता कॉलोनी स्थित श्याम मंदिर के कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए हैं। पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि नक्सली भी चुनाव में किसी ना किसी पार्टी को वोट देते हैं। चुनाव के दौरान यह आंकलन करना चाहिए कि नक्सलियों का वोट किस राजनीतिक दल को जाता है। सेना को इस काम में लगाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ठोस तरीके से काम करने पर सेना लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
उत्तराखंड में तबाही पर उन्होंने कहा कि विकास की योजनाएं इसके लिए जिम्मेदार हैं। सरकारें राजस्व वसूली के लिए पर्वतों, नदियों और प्राकृतिक संसाधनों के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। उत्तराखंड में हिमालय से निकलने वाली नदियों का मार्ग बाधित किया गया। इसके कारण ही यहां प्राकृतिक विपदा आई।
भविष्य में ऐसा करने से पहले सरकार को जरूर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रमुख दलों के साथ ही शासन और सत्ता में रहने वाले लोग ही नकली शंकराचार्य बना रहे हैं। व्यापारी भी व्यापार करने वाले संतों को पैसा देते हैं। असली संतों को वे रोटी नहीं देते।
Source: http://www.bhaskar.com/article/CHH-RAI-naxal-attack-congress-leader-death-raipur-chattisgarh-4313147-NOR.html
No comments:
Post a Comment