सिर्फ इतना ही नहीं, रथयात्रा के एक दिन पहले खुद मोदी जगन्नाथ मंदिर में जाते हैं और सुरक्षा व्यवस्था से लेकर तमाम अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेते हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नरेंद्र मोदी गूढ़ कूटनीतिज्ञ हैं।
उनकी कूटनीति को बिखेरना तो दूर की बात, कई तो उसे समझ तक नहीं पाते। यह
बात 1975 से 1977 के बीच की है। इस समय देश में इमरजेंसी लागू थी। अटल
बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी से लेकर बीजेपी, संघ और लेफ्ट पार्टियों
के बड़े-बड़े नेताओं को जेलों में डाल दिया गया था। गुजरात में नरेंद्र
मोदी संघ के एक सक्रिय कार्यकर्ता थे। इसीलिए उनकी तलाश में भी पुलिस ने
आकाश-पाताल एक कर रखा था। लेकिन पूरी इमरजेंसी के दौरान नरेंद्र मोदी पुलिस
के हाथ नहीं लगे।
मोदी को पूरे अहमदाबाद में जगह-जगह तलाशा जा रहा था, लेकिन मोदी साधु का
भेष धरकर अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर में छुपे हुए थे। वे इसी भेष में संघ
की कार्रवाई को जारी रखे हुए थे।
आपातकाल के दौरान जब बीजेपी और संघ के नेताओं को गिरफ्तार किया गया था,
तब यही तर्क-वितर्क छाए हुए थे कि अब ये नेता जेल से बाहर आ पाएंगे या
नहीं। भारत सरकार इन्हें कब आजाद करेगी.. आजाद करेगी भी या नहीं। इन सवालों
के जवाब किसी को पता भी नहीं थे। नेताओं के जेल जाने के बाद हजारों
कार्यकर्ता असहाय हो गए थे और संघ के तमाम कार्यकर्ताओं के परिवार के
भरण-पोषण की जिम्मेदारी मोदी पर थी।
मोदी इसी जगन्नाथ मंदिर में कई कार्यकर्ताओं के परिवारों को पाल रहे थे। हमें यह बात खाडिया के एमएलए और दिग्गज बीजेपी नेता अशोक भट्ट के बेटे भूषण भट्ट ने बताई।
मोदी इसी जगन्नाथ मंदिर में कई कार्यकर्ताओं के परिवारों को पाल रहे थे। हमें यह बात खाडिया के एमएलए और दिग्गज बीजेपी नेता अशोक भट्ट के बेटे भूषण भट्ट ने बताई।
अहमदाबाद में जिन भी नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था।
उनके घरों में अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने की जिम्मेदारी मोदी को
दी गई थी। भूषण भट्ट बताते हैं कि खाने-पीने के सामान के अलावा मोदी इन
लोगों के बच्चों की पढ़ाई के लिए फीस और पुस्तकें भी पहुंचाया करते थे।
नरेंद्र मोदी आपातकाल के दौरान एक साल से अधिक समय तक इस मंदिर में साधु
का भेष में छुपे रहे थे। मोदी के लिए कईयों बार अशोक भट्ट के ही घर से
टिफिन आया करता था।
Source: divyabhaskar network
| Jul 10, 2013, 00:05AM IST
अहमदाबाद स्थित जगन्नाथ मंदिर के फस्र्ट फ्लोर पर वर्तमान में जहां
भगवान का मंदिर है। इस जगह पहले एक बड़ा हॉल और कई कमरे थे। इस समय भगवान
का मंदिर ग्राउंड फ्लोर पर था। ऊपर का हिस्सा पूरा खाली था। इसी हाल में
मोदी ने एक साल से भी अधिक का समय बिताया।
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