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Friday, 21 March 2014

मगरमच्छ के बच्चों के साथ खेलते थे बाल मोदी


अहमदाबाद
 
नरेंद्र मोदी महापुरुष हैं, अपने नाम को सार्थक करते नरों के इंद्र हैं, एक मिथकीय व्यक्तित्व हैं। वह इतने बहादुर थे कि बचपन में मगरमच्छ के बच्चों के साथ खेला करते थे। ऐसा आपको 'भविष्य की आशा - नरेंद्र मोदी' नाम की एक कॉमिक बुक पढ़कर महसूस हो सकता है। 43 पेज की यह कॉमिक बुक बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की जिंदगी के शुरुआती सालों का बखान करती है।

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मोदी का बचपन वडनगर में बीता। इस कॉमिक बुक में वडनगर के दिनों की कई कहानियां दिखाई गई हैं। इनमें से कुछ कहानियां तो आपको हैरान कर देंगी, मसलन एक मंदिर पर झंडा फहराने के लिए वह मगरमच्छों से भरी झील को पार कर गए थे।

इस चित्रकथा को छापा है कि रानाडे प्रकाशन ने। ब्लू स्नेल ऐनिमेशन (बीएसए) ने इसे डिजाइन किया है और बाल मोदी को खाकी रंग की हाफ पैंट पहनाई है। बीएसए के डाइरेक्टर जिग्नेश गांधी बताते हैं कि यह किताब असल घटनाओं पर आधारित है और इसे तैयार करने से पहले आठ महीने की रीसर्च की गई। 150 रुपये की यह किताब इस महीने के आखिर तक हिंदी, अंग्रेजी और गुजराती में उपलब्ध होगी।


इस चित्रकथा में आप देखेंगे कि जब उनकी उम्र के बच्चे खेल रहे होते थे, नरेंद्र मोदी गांव की लाइब्रेरी में स्वामी विवेकानंद और छत्रपति शिवाजी के बारे में किताबें पढ़ते थे। कबड्डी मैच में उनकी अद्भुत शारीरिक क्षमता दिखती थी क्योंकि वह अपने सीनियर खिलाड़ियों के गुणों से सीखते थे और अपने जूनियर्स को जीतने के लिए प्रेरित करते थे। अपने स्कूल में वह खूब मशहूर थे। एक बार उन्होंने कुछ शरारती बच्चों के ऊपर स्याही छिड़क दी थी ताकि प्रिंसिपल उन शरारती बच्चों को पहचान सकें। और उनके एक अद्भुत काम की खूब चर्चा है। उनके स्कूल को भवन की मरम्मत के लिए धन की जरूरत थी। नरेंद्र मोदी ने एक नाटक 'जोगीदास खुम्मन' तैयार किया और इसके जरिए खूब चंदा जमा किया।


चित्रकथा में आप देखेंगे कि नरेंद्र मोदी भारत-चीन युद्ध के लिए सीमा पर जाते जवानों को खाना खिला रहे हैं। वह एनसीसी कैडेट की वर्दी में दांतों में ब्लेड पकड़े एक पेड़ पर चढ़ते भी नजर आएंगे ताकि पतंग की डोर में फंस गए एक पक्षी को आजाद कर सकें। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक सिर्फ दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में बांचने के लिए इस किताब की 10000 कॉपी छापने का ऑर्डर दिया जा चुका है।

Source: http://navbharattimes.indiatimes.com/state/gujarat/ahmedabad/Graphic-Novel-on-Narendra-Modis-childhood-stories/articleshow/32420167.cms 

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