केंद्र सरकार ने माना 'मोदी' का गुजरात अव्वल
डीआइपीपी ने प्रमुख आइटी कंपनी एसेंचर के साथ ही मिलकर एक अध्ययन किया है, जिसे अभी सार्वजनिक किया गया है। इसमें भारत में कारोबार करने के माहौल पर विभिन्न एजेंसियों की रिपोर्टो का अध्ययन किया गया है। इन एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर राज्यों को कारोबार करने की छह प्रमुख जरूरतों के आधार पर बेहतरीन राज्य घोषित किया गया है। इसमें गुजरात और महाराष्ट्र दो ऐसे राज्य हैं, जिन्हें दो-दो क्षेत्रों में बेहतरीन राज्य माना गया है। गुजरात को जमीन व भवन संबंधी मंजूरी देने में अव्वल स्थान दिया गया है। साथ ही पर्यावरण मंजूरी देने के राज्य के तौर तरीके को भी अन्य सभी राज्यों से बेहतर माना गया है। पर्यावरण मंजूरी देने के मामले में राज्य ने जिस तरह से ई-गवर्नेस का इस्तेमाल किया है, उसकी काफी सराहना की गई है।
उल्लेखनीय तथ्य यह है कि राज्य की जमीन अधिग्रहण की नीति की कांग्रेस की तरफ से लगातार निंदा की जा रही है। लेकिन इस रिपोर्ट में इसे काफी दूरदर्शी बताया गया है। उद्योग जगत के लिए जमीन चिन्हित करने से लेकर उसका आवंटन करने और विवादों को निपटाने के फार्मूले को अन्य राज्यों से बेहतर माना गया है। राहुल गांधी बार-बार आरोप लगाते हैं कि गुजरात में टॉफी की कीमत पर जमीन उद्योग जगत को दी जाती है। वे गुजरात की मोदी सरकार पर किसानों से जमीन छीनकर कंपनियों की जमीन देने का भी लगातार आरोप लगा रहे हैं। लेकिन इस रिपोर्ट के मुताबिक जमीन अधिग्रहण से प्रभावित हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की व्यवस्था इस राज्य में की गई है। यही वजह है कि वर्ष 2008-09 285 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई थी। जबकि वर्ष 2009-10 में 1,564 हेक्टेयर और वर्ष 2010-11 में 907 हेक्टेयर औद्योगिक उद्देश्य से दिए गए हैं।
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'अच्छा होता कि गुजरात को गाली देने वाले मेरे कांग्रेसी मित्रों ने अपनी ही सरकार की वह रपट पढ़ी होती जिसमें गुजरात के विकास की तारीफ की गई है।' -नरेंद्र मोदी का ट्वीट
http://www.jagran.com/news/business-gujarat-land-acquisition-model-is-the-bestcommerce-min-report-11292613.html?utm_source=dlvr.it&utm_medium=twitter
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