National Research Newsroom | May 09, 2014, 15:38PM IST
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2014 में अब सिर्फ नौवें यानी आखिरी दौर में 41 सीटों पर वोटिंग बची है। लेकिन इलेक्शन कमिशन के निष्पक्ष मतदान कराए जाने के तमाम दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। मतदान के बाद आम मतदाता की सुरक्षा भी तय करने में कई राज्य सरकार फेल साबित
हुईं। आंध्र प्रदेश, पंजाब और तमिलनाडु जैसे राज्यों में पैसे बांटे जाने
के मामले सामने आए हैं। इन राज्यों में कई मतदाताओं ने वोट के एवज में पैसे
लिए और दिए जाने की बात मानी है। यही नहीं, मतदान के बाद प्रशासन और पुलिस
मतदाताओं को सुरक्षा देने में नाकाम रही है। यूपी, बिहार और जम्मू-कश्मीर में मतदान की कीमत लोगों को जान देकर या
पिटकर चुकानी पड़ी है। बिहार में बीजेपी को वोट देने से गुस्साए पति ने
अपनी पत्नी की जान ले ली तो जम्मू-कश्मीर में मतदान का बहिष्कार करने की
अपील न मानने पर कई लोगों को सरेआम कपड़े उतरवाकर पीटा गया और उन्हें
गद्दार कहा गया।
देश में चुनाव के दौरान किस तरह से पैसे, शराब, नशीले पदार्थ बांटे गए होंगे इसका अंदाजा चुनाव आयोग के आंकड़ों से लगाया जा सकता है। आम चुनाव के आठवें दौर तक
देश भर में करीब 300 करोड़ रुपए नकद जब्त किए जा चुके हैं। इसके अलावा 2
करोड़ 10 लाख लीटर शराब, एक क्विंटल के करीब हीरोइन, 50 किलो से ज्यादा
भांग भी पकड़ी गई है। इन आंकड़ों से साफ है कि मतदाताओं को पैसे और नशीले पदार्थ के जरिए लुभाने का सिलसिला अभी रुका नहीं है।
ये हालत तब है जब इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह ताकत
दी है कि वह उन उम्मीदवारों की उम्मीदवारी खारिज कर सकता है जिन्होंने
चुनावी खर्च का गलत ब्योरा दिया है। चुनाव आयोग इस समय 2,000 ऐसे
उम्मीदवारों के मामले की जांच कर रहा है, जिन पर हाल के सालों में वास्तविक
खर्च से कम खर्च दिखाने का आरोप है।
बहिष्कार नहीं किया तो बेंत से पीटा, उतरवाए कपड़े और कहा-गद्दार
यहां भी तमाम सुरक्षा तामझाम के बावजूद निर्भय होकर मतदान करने के
दावे खोखले साबित हुए। राज्य के कुपवाड़ा इलाके में जिन लोगों ने मतदान
किया उनमें से कई लोगों को जमकर पीटा गया, सार्वजनिक तौर पर कपड़े उतारे गए
और उन्हें गद्दार घोषित कर दिया गया। इन लोगों का कसूर यही था कि उन्होंने
अलगाववादियों के उस फरमान को अनसुना कर दिया था, जिसके तहत घाटी के वोटरों
को मतदान न करने के लिए कहा गया था। कुपवाड़ा के एक अधेड़ उम्र के शख्स को
मतदान में हिस्सा लेने की वजह से बेंत से मारा गया और कपड़े उतारने पर
मजबूर किया गया। सोपोर और बारामूला में बीते बुधवार को मतदान में हिस्सा
लेने वाले लोगों को भी अलगाववादियों के गुस्से का सामना करना पड़ा।
किसे वोट दिया, नहीं बताया तो ले ली जान
सूबे के झांसी-ललितपुर लोकसभा क्षेत्र (जहां से भाजपा की उमा भारती
उम्मीदवार हैं) के बजाना गांव में 80 साल के बुजुर्ग की हत्या केवल इसलिए
कर दी गई थी क्योंकि उसने दबंगों को यह नहीं बताया कि वोट किसे दिया है।
30 अप्रैल को दबंगों के वार से घायल जंगी लाल ने 1 मई की देर रात दम तोड़
दिया। उनसे दबंग जानना चाह रहे थे कि उन्होंने वोट किसे दिया था। उन्हें
मंदिर ले जा कर भगवान की मूर्ति छू कर जवाब देने के लिए कहा गया। जवाब नहीं
मिलने पर उन पर हमला किया गया।
एक वोट के बदले 1 हजारए फैमिली को 5 हजार का बोनस
देश भर में चुनाव आचार संहिता के चलते जब्त की गई 300 करोड़ रुपए की
राशि में करीब आधी रकम आंध्र प्रदेश में पकड़ी गई है। इससे आपको अंदाजा लग
सकता है कि इस इलाके में चुनाव के दौरान पैसों का कितना बोलबाला था।
सीमांध्र के कडपा जिले के पुलीवेंडुला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़
रहे वाईएसआर कांग्रेस सुप्रीमो जगनमोहन रेड्डी के चुनाव क्षेत्र में जमकर
पैसे बांटे गए। इस इलाके के एक गांव के पूर्व प्रधान राजशेखर रेड्डी ने
मीडिया के सामने माना कि वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी के लोग हर वोट पर एक
हजार रुपए की राशि दे रहे हैं। रेड्डी ने यह आरोप भी लगाया है कि अगर
परिवार में 10-15 वोटर हैं तो 5 हजार रुपए की राशि बोनस के तौर पर दी जा
रही है। रेड्डी ने बताया, 'मैं खुद 62 लाख रुपए लेकर आया। किसी ने रास्ते
में चेक नहीं किया। हमने अपनी गाड़ी के आगे एक मोटरसाइकिल भेज दी थी। वह
हमें यह बता रहा था कि पुलिस वाले हैं या नहीं। हमने अपनी गाड़ी पर स्टिकर
भी चिपका लिया था। स्टिकर पर लिखा था, ऑन गर्वनमेंट ड्यूटी।'
Source: http://www.bhaskar.com/article-ht/ELEC-voters-lured-killed-and-intimidated-in-india-4608197-NOR.html?seq=1
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