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Monday 28 May 2012

Swatantra Veer Damodar Savarkar

मामद कसाई के बेटा जुम्मादीन ,सुलेमान घांची का बेटा शकील , कासम कलाल का बेटा गफूर,शौकत अली वोरा के बेटा रोशन, लतीफ़ लंगड़ा, जफ़र बीडी, और हुसेन फंगा | सब ने प्लान बनाया आज तो विनायक को मछली का स्वाद चखाकर रहेंगे और धर्म भ्रष्ट करेंगे |

पेड़ के पीछे खड़े विनायक और उनके बंधूओ ने यह षड़यंत्र का पता चला | विनायक मंडली पहले सी ही तैयार थी | जैसे ही गफूर - गेंग पास आने लगी , मण्डली उस पर टूट पड़ी | गफूर-गेंग हक्का-बक्का रह गयी | सात साल के वीर विनायक और उनके बंधुओ ने गफूर-गेंग के इस षड़यंत्र का उत्तर घातक शेर की तरह अचानक वार करके दिया |

गफूर का गाल , शकील का ओठ , लतीफ़ लंगड़े का दूसरा पैर , जुम्मे का सर और शौकत के तिन दांत ज़मीन पर पड़े थे | अक्षुण, अखंडित, अपराजित विनायक ने गफूर का दांया हाथ मरोड़ कर कहा , " आप लोगोने काशी को जलाया, हम चुप रहे; मथुरा लूटा हम शांत रहे; सोमनाथ तोड़ दिया, हम खामोश रहे; कनोज में विनाश किया हम लाचार हो कर सहन करते रहे ...... बहुत सहन कर लिया | याद रखना , विनायक का मुंह सिर्फ गणेश का प्रसाद खाने के लिए खुलता है , मछली नहीं | "



जो साथ देगा, उसे साथ लेकर चलेंगे,
जो साथ नहीं देगा उसे छोडकर चलेंगे
और जो राह मे बाधा बनेगा
उसे ठोकर मार कर चलेंगे।
लेकिन चलना हमारी नियति है-
: स्वातंत्र्य वीर श्री विनायक दामोदर सावरकर


== > वीर सावरकर जी के अनगिनत घटनाक्रमों में से एक |

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