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Sunday 6 May 2012

हिन्दू-मन्दिरों का सरकार द्वारा अधिग्रहण तथा सम्पत्ति को खर्च करने का षड़यंत्र?



हिन्दुओं के मन्दिरों का सरकार द्वारा अधिग्रहण करना तथा उसकी सम्पत्ति को गैर हिन्दुओं के ऊपर खर्च करना हिन्दू समाज के ऊपर कुठाराघात है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जाएगा। विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्र्राष्ट्रीय संगठन महा मंत्री श्री दिनेश चन्द्र ने आज देश भर से आए मन्दिरों के प्रवन्धकों की एक बैठक का उद्घाटन करते हुए यह भी कहा कि यदि सरकारों ने मन्दिरों पर जबरन कब्जे व उसके धन के सरकारी करण की अपनी नीति पर पुनर्विचार नहीं किया तो हिन्दू समाज चुप नहीं बैठेगा।


मन्दिरों को सरकारी चंगुल से बचाने तथा उनको हिन्दू समाज व देश के लिए लोकोपयोगी बनाने के उद्देश्य से आज प्रारम्भ हुई दो दिवसीय अखिल भारतीय बैठक को संबोधित करते हुए विहिप के अन्तर्र्राष्ट्रीय संगठन महा मंत्री श्री दिनेश चन्द्र ने कहा कि पुरातन काल से ही मन्दिर हमारी आस्था व विश्वास के साथ ही समाज रचना के प्रमुख केन्द्र रहे हैं। मन्दिरों के कुशल प्रवन्धन के द्वारा ही इनको सच्चे अर्थों में समाजोपयोगी बना कर सामाजिक चेतना के केन्द्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। मन्दिरों ने ही समय समय पर देश व समाज को कर्तव्य बोध कराया है। इस अवसर पर सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष स्वामी राघवानन्द जी ने कहा कि हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक संत, साहित्य व मन्दिर तीनों पर ही आज चहुं तरफ़ा हमले हो रहे हैं। हिन्दू समाज को इन तीनों स्तंभों की रक्षार्थ आगे आना ही होगा।



दिल्ली के झण्डेवाला देवी मंदिर परिसर में शुरु हुई दो दिवसीय बैठक का संचालन विहिप के केन्द्रीय मठ-मन्दिर प्रमुख श्री उमा शंकर ने किया तथा देश भर से आए अनेक प्रमुख मन्दिरों के ट्र्ष्टीयों ने भाग लिया। झण्डेवाला देवी मन्दिर के अध्यक्ष श्री नवीन कपूर ने सभी आगन्तुकों का स्वागत कर आशा व्यक्त की कि यह बैठक मन्दिरों को सरकारी शासन से मुक्ति दिलाने तथा उनके कुशल प्रवन्धन के द्वारा हिन्दू समाज की सेवा के विशेष केन्द्र के रूप में प्रतिष्ठापित करने में मील का पत्थर साबित होगी।



बैठक में महामण्डलेश्वर स्वामी अनुभूतानन्द, विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल, महामंत्री श्री चम्पत राय, विहिप दिल्ली के अध्यक्ष श्री स्वदेशपाल गुप्ता, मठ-मन्दिर प्रमुख श्री राम पाल सिंह, झण्डेवाला देवी मन्दिर के श्री अनिल गुप्ता सहित दिल्ली के अक्षर धाम व छतरपुर जैसे बडे मन्दिरों के वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित थे। इसमें केरल, आन्ध्र प्रदेश, बिहार, बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश व हरियाणा सहित अनेक राज्यों के लगभग 60 मन्दिरों के प्रवन्धकों ने भाग लिया।


Source: http://hindi.ibtl.in/news/national/2035/article.ibtl

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