'राहुल गांधी एक औसत दर्जे के आदमी हैं। उनके पास अपने कोई विचार नहीं
हैं, न ही कड़ी मेहनत और संघर्ष करना उनके बस की बात है। उन्हें अपने लिए
कोई दूसरा काम-धंधा खोज लेना चाहिए।' यह कहना है जाने-माने इतिहासकार और
राजनीतिक विश्लेषक रामचंद्र गुहा का। गांधी के बाद के भारत के तमाम
उतार-चढ़ाव पर अच्छी पकड़ रखने वाले रामचंद्र गुहा का मानना है कि कांग्रेस
के जनरल सेक्रेटरी राहुल गांधी में देश का नेता बनने की कुव्वत नहीं है।
कॉलमिस्ट विवेक कौल को दिए गए एक इंटरव्यू में गुहा ने ये सारी बातें कहीं।
जब गांधी परिवार के मामले में उनकी राय मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार को सिर्फ गांधी परिवार कहा जाना चाहिए क्योंकि यह वंश इंदिरा गांधी से शुरू हुआ न कि नेहरू से। उन्होंने कहा कि उनके हिसाब से यह परिवार अब खात्मे की तरफ है। हर जनरेशन के साथ इनका प्रभुत्व घटता ही जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के पास देश के लिए एक विजन था। सोनिया भी काफी कर्मठ हैं और मन लगा कर काम करती हैं, लेकिन उनके बाद इस परिवार में कुछ नहीं बचेगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी लड़ाई के बारे में अपना मत रखते हुए उन्होंने कहा कि 2011 में शुरू हुई यह मुहिम न सिर्फ भारतीय समाज के लिए बल्कि नेताओं के लिए भी एक वेक-अप कॉल थी। हालांकि, इस मूवमेंट से जुड़े लोगों को टीवी पर नजर आने की जगह जड़ों में जाकर काम करना चाहिए और अपना जनाधार मजबूत करना चाहिए। AAP के नेताओं को ज़मीन से शुरू करना है। यहां तक कि आगामी लोकसभा चुनावों में फिलहाल भाग लेना मूर्खता होगी।
गुहा ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक महान नेता थे। अगर वह 5-10 साल और जीते तो आज भारत में भ्रष्टाचार और अनैतिकता का स्तर इतना ऊंचा नहीं होता। उन्होंने ही देश में हरित क्रांति का सूत्रपात किया था। हालांकि, इसके लिए सारी वाहवाही इंदिरा बटोर कर ले गईं। गुहा का मानना है कि शास्त्री नेहरू के मुकाबले डिफेंस और मिलिट्री से जुड़े मामलों में कहीं ज्यादा फोकस्ड थे। वो पूरी तरह ईमानदार और निष्पक्ष व्यक्ति थे।
Source: http://navbharattimes.indiatimes.com/rahul-gandhi-is-completely-mediocre-he-should-find-another-profession/articleshow/17648595.cms
जब गांधी परिवार के मामले में उनकी राय मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार को सिर्फ गांधी परिवार कहा जाना चाहिए क्योंकि यह वंश इंदिरा गांधी से शुरू हुआ न कि नेहरू से। उन्होंने कहा कि उनके हिसाब से यह परिवार अब खात्मे की तरफ है। हर जनरेशन के साथ इनका प्रभुत्व घटता ही जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के पास देश के लिए एक विजन था। सोनिया भी काफी कर्मठ हैं और मन लगा कर काम करती हैं, लेकिन उनके बाद इस परिवार में कुछ नहीं बचेगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी लड़ाई के बारे में अपना मत रखते हुए उन्होंने कहा कि 2011 में शुरू हुई यह मुहिम न सिर्फ भारतीय समाज के लिए बल्कि नेताओं के लिए भी एक वेक-अप कॉल थी। हालांकि, इस मूवमेंट से जुड़े लोगों को टीवी पर नजर आने की जगह जड़ों में जाकर काम करना चाहिए और अपना जनाधार मजबूत करना चाहिए। AAP के नेताओं को ज़मीन से शुरू करना है। यहां तक कि आगामी लोकसभा चुनावों में फिलहाल भाग लेना मूर्खता होगी।
गुहा ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक महान नेता थे। अगर वह 5-10 साल और जीते तो आज भारत में भ्रष्टाचार और अनैतिकता का स्तर इतना ऊंचा नहीं होता। उन्होंने ही देश में हरित क्रांति का सूत्रपात किया था। हालांकि, इसके लिए सारी वाहवाही इंदिरा बटोर कर ले गईं। गुहा का मानना है कि शास्त्री नेहरू के मुकाबले डिफेंस और मिलिट्री से जुड़े मामलों में कहीं ज्यादा फोकस्ड थे। वो पूरी तरह ईमानदार और निष्पक्ष व्यक्ति थे।
Source: http://navbharattimes.indiatimes.com/rahul-gandhi-is-completely-mediocre-he-should-find-another-profession/articleshow/17648595.cms
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