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Thursday, 1 January 2015

'वैदिक विमान' पर लेक्चर के खिलाफ उतरे नासा के साइंटिस्ट

Mumbai Mirror| Dec 31, 2014, 10.09AM IST

विक्रांत डडवाला, मुंबई

नासा के एक वैज्ञानिक ने इंडियन साइंस कांग्रेस में'प्राचीन भारतीय वैमानिकी प्रौद्योगिकी' पर होने वाले लेक्चर को रोकने के लिए एक ऑनलाइन पिटिशन शुरू किया है। 102वीं इंडियन साइंस कांग्रेस जनवरी में मुंबई में होने वाली है। इस वैज्ञानिक का कहना है कि यह लेक्चर वैज्ञानिक प्रक्रिया की गरिमा पर सवाल खड़े करता है।

डॉ. राम प्रसाद गांधीरमन कैलिफोर्निया में नासा के ऐम्ज रिसर्च सेंटर में काम करते हैं। उनकी इस पिटिशन को अब तक 220 वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों का साथ मिल चुका है। गांधीरमन का कहना है कि भारत में मिथकों और साइंस के घालमेल की कोशिशें बढ़ रही हैं और ऐसे में इस तरह के लेक्चरों का रोका जाना जरूरी है। गांधीरमन ने इस कोशिश के उदाहरण के तौर पर मोदी के उस भाषण का भी जिक्र किया है जहां उन्होंने गणेश को हाथी का सिर लगाए जाने को भारत के प्राचीन प्लास्टिक सर्जरी ज्ञान का नमूना बताया था।

पढ़ें... भारतीय विज्ञान कांग्रेस में वैदिक विमानों पर होगी चर्चा

मुंबई मिरर ने सबसे पहले खबर दी थी कि साइंस कांग्रेस के आयोजनकर्ताओं ने 3 से 7 जनवरी के बीच होने वाले इस कार्यक्रम में एविएशन से जुड़े वैदिक मिथकों के विषय को जगह दी है। इस कांग्रेस में राइबोसोम, ऐंटिबायटिक्स के प्रति प्रतिरोध, जीवन की उत्पत्ति और कोशिका-चक्र जैसे विषयों पर चर्चा होगी। इन विषयों पर कई बड़े साइंटिस्ट बोलेंगे जिनमें छह नोबेल विजेता भी शामिल होंगे।

'प्राचीन भारतीय वैमानिकी प्रौद्योगिकी' पर होने वाला यह लेक्चर कैप्टन आनंद जे बोडास और अमेय जाधव देगें।  हाल में ही बातचीत में बोडास ने दावा किया था कि प्राचीन भारतीय विमान एक देश से दूसरे देश तक, एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक और एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक जा सकता थे। उन्होंने यह भी कहा था कि उन दिनों के विमान आज के विमानों जैसे एक सीध में चलने वाले नहीं थे, बल्कि दाएं-बाएं और यहां तक कि रिवर्स भी उड़ सकते थे। कैप्टन बोडास इन दावों का स्रोत वैमानिका प्रक्रणम नामक एक ग्रंथ को बताते हैं, जो उनके मुताबिक ऋषि भारद्वाज ने लिखा था।

गांधीरमन ने अपनी याचिका में कहा है कि एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक कॉन्फ्रेंस के लिए ऐसी छद्म-वैज्ञानिक बातों को मंच देना एक शर्मनाक बात है। गांधीरमन ने बताया कि उन्होंने आयोजकों, पीएमओ के चीफ साइंटिफिक ऐडवाइजर, साइंटिफिक सेक्रेटरी और कुछ आईआईटी-आईआईएम के निदेशकों को ई-मेल किया है। अब वह कांग्रेस में हिस्सा लेने आ रहे नोबेल विजेताओं से संपर्क की कोशिश में हैं।

Source: http://navbharattimes.indiatimes.com/india/nasa-scientist-on-line-petetion-against-vedic-aviation-lecture-in-indian-science-congress/articleshow/45698997.cms

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