भोपाल [जागरण ब्यूरो]। उत्तराखंड के नवनियुक्त राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कहा कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आशीर्वाद के कारण यह जिम्मेदारी मिली है। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने विदेश दौरे पर रवाना होने से ठीक एक दिन पहले ही कुरैशी को उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया था। कुरैशी फिलहाल मार्गेट अल्वा की विदाई का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद वे देहरादून जाकर अपना पद संभालेंगे।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और मध्य प्रदेश में अर्जुन सिंह की सरकार में मंत्री रहे कुरैशी ने रविवार को यहां कहा, 'मैं गांधी-नेहरू परिवार के प्रति हमेशा से वफादार रहा हूं और राज्यपाल के पद पर मेरी नियुक्ति वफादारी के इस इनाम को दर्शाता है।' उन्होंने कहा कि यह केवल सोनिया के आशीर्वाद की वजह से संभव हो सका कि मैं इस पद पर नियुक्त किया गया। कुरैशी ने बताया कि मैं वर्ष 1951 में कांग्रेस से जुड़ा हूं। तब से मैंने पार्टी के लिए हर स्तर पर काम किया।
उन्होंने कहा, 'मैं उस पीढ़ी से आता हूं जो सोचता है कि राज्यपाल बनाया जाना एक अपमान है। लोग सोचते हैं कि उसे सक्रिय राजनीति से दूर कर दिया गया है।' कुरैशी का मानना है कि राज्यपाल बनाया जाना एक सम्मान की बात है।
कुरैशी का कहना है कि इसके अलावा समाज के शोषत, पीड़ित और गरीबों की आवाज को सही जगह पहुंचाना भी उनका भूमिका में शामिल है। वे अपनी नियुक्ति से खुद पर एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का अहसास कर रहे हैं। वे इसके लिए सभी के आभारी हैं। वह राज्यपाल की भूमिका को सीमित नहीं मानते, लेकिन संविधान के दायरे से बाहर कोई ऐसा कार्य भी नहीं करना चाहते, जिससे इस पद की गरिमा पर आंच आए। उन्होंने कहा कि समाज के जरूरतमंद लोगों को उनका हक दिलाने का प्रयास वह हमेशा करते रहेंगे।
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