रियासतों के खजाने के ऊपर बीजेपी से एक सवाल— भारत की लूट का एक और मुद्दा....
बीजेपी क्या वही प्रश्न उठाएगी जो एक योगी उठाएगा—अभी तक यही देखा गया है बीजेपी उसी प्रश्न को अपना बनाकर पेश करती रही है जिसे या तो स्वामी रामदेवजी उठाते रहे है या कोई और गैर राजनीतिक व्यक्तित्व. जव कोई संत राष्ट्र हित की बात उठाता है उसे उसे लुटेरे राजनिनिक मुखौटा कहने लगते हैं, जब की भारत के सबसे बड़े विपक्ष बीजेपी का काम है की वह इन मुद्दों को सामने लाए...., कालाधन के मुद्दे पर भी बीजेपी ने यही किया, २ जी के मुद्दे पर भी यही किया,
अब..अब...अबतो एक नया मुद्दा सामने आ गया है जिसे शुद्ध रूप से स्वामी रामदेवजी ने उठाया है और अभीतक इसपर बीजेपी का कोई बयान नहीं आया है......और देखते जाइए...जब मामला पुर्री तरह से हावी हो जायेगा तो बीजेपी इसे अपना मुद्दा कहने लगेगी. दिक्कत यह नहीं है की राष्ट्रहित के मुद्दों को बाद में बीजेपी झपट लेती है, मुद्दा यह है की बीजेपी अपनी तरफ से इन मुद्दों को क्यों नहीं उठाती रही जब की बीजेपी में मेधावी लोग है, क्या बीजेपी के सोच में खोट है जैसा की आडवानी ने कालेधन पर सोनिया से माफी मागकर पहले ही कालाधन मुद्दे पर लोगो को गच्चा दिया.
कांग्रेस की फांस बनाते इस मुद्दे को देखिये---
अंग्रेजो के लूटने बाद भी भारत में अपार सोना चांदी रियासतों के पास खजानों में जमा थे, जब संपत्तियो का राष्ट्रीयकरन हुआ तो वह संपत्ति सरकार के कब्जे में आयी, जाहिर उस समय कांग्रेस की सरकार ही थी, आमेर के किले में भी अकूत संपत्ति थी जिसमे सीधे सीधे इंदिरा और संजय की संलिप्तता पाई गयी थी . यह सभी रियासतों की संपत्ति बकौल स्वामीजी बाबा रामदेवजी, हजारों ट्रक थी जिसके बारे में प्रशन है—
- यह खजाना इस समय कहा पर रखा गया है,
- इसका कोई हिसाब भी रखा गया है क्या???
- यह जानकारी किस किस को है,
- इसका मूल्यांकन किया गया है क्या और ये कितना है????
- इस समय इस पर किसका अधिकार है,
- इस संपत्ति की जिम्मेदारी किस संबैधानिक संस्था के पास है,
- उस संबैधानिक संस्था का शीर्ष अधिकारी कौन है.
- खजाने को इकठ्ठा करने के लिए किन संबैधानिक संस्थाओ को शामिल किया गया और किसके आदेश पर सब काम हुआ.
- इस बारे में भारत सरकार के कौन कौन जिम्मेदार जन सेवक से राय ली गयी थी.
- इस काम की कार्य पद्धति क्या थी
- जब हमारे पास इतनी अकूत संपत्ति थी तो भारत ने ३२ लाख करोड का विदेशी कर्ज क्यों ले रखा है.
- जब भारत के पास खजाना है तो भारत के लोग भूखो क्यों मर जा रहे हैं..
केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर के उदाहरण से यह सिद्ध हो गया की भारत के एक एक हिंदू मंदिर में कई लाख करोड की संपत्ति होती थी तो भला रियासतों के पास कितना अकूत खजाना रहा होगा. इस खजाने का क्या हुआ. यह खजाना हमारे पूर्वजो की चमडी उधेडकर रियासतों के पास जमा की गयी थी. विदेशो में जमा कालाधन में इसका भी बहुत बड़ा हिस्सा है.
अब बीजेपी बताये -----इस मुद्दे पर उसका क्या रुख है....भारत की जनता जानना चाहती है.....
रही बात स्वामी रामदेव जी की तो वह इसे उठाये हैं तो अंजाम तक भी पहुचायेंगे..... क्योकि उनके पास सभी राष्ट्रवादी अब इकट्ठा होना शुरू हो गए है,,,,,,,..
जय भारत,
(यह सोच अयोध्या से संजय कुमार मौर्य के है जो भारत स्वाभिमान से जुड़े हैं)
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